मूलत: विचार इस ब्‍लॉग को विज्ञान की कला या विज्ञान के इतिहास के रूप में ही रखने का था  किंतु इतिहास ने  खुद ही विज्ञान शिक्षण के किनारे ला पटका तो तय हुआ कि कुछ ऐसी सामग्री ही दी  जाए जो विद्यार्थी चाहें।  इसलिए धीमे धीमे उसे ही विकसित करने का प्रयास किया जाएगा। भाषा को लेकर अब कुछ शिथिल हुआ जाए। कुछ खिचड़ी रहेगी ताकि छात्र समुदाय पारिभाषिक शब्‍दों के लेकर कठिनाई महसूस न करे।   

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